Friday, June 5, 2009

गुरु जी


श्री सतविवेक जी महाराज

बहूनाम, जन्मनाम, अन्ते, ज्ञानवान, माम, प्रपद्यते,
वासुदेवः, सर्वम, इति, सः, महात्मा, सुदुर्लभः ॥

( श्रीमद् भगवत् गीता अध्याय ७ श्लोक१९ )